यह वक़्त भी बदल जायेगा

  

What Is kaal chakra in hinduism

एक बार किसी विद्वान व्यक्ति से पूछा गया कि एक ऐसा वाक्य बोलो जिससे कि जो व्यक्ति सुखी है वह दुखी हो जाये और जो व्यक्ति दुखी है वह सुखी हो जाये| उसने कहा “यह वक़्त भी बदल जायेगा”|

आज काल के जिस पड़ाव पर हम सब खड़े हैं वहां हर एक व्यक्ति के मन में यह सवाल है कि यह “वक़्त“ कब बदलेगा??

हालाँकि मैंने अपने पिछले आलेखों में इन सबके बारे में काफी लिखा है कि यह विषाणु अभी जाने के लिए नहीं आया है, संक्रमण की समाप्ति फरवरी 2021 तक हो जाएगी ऐसा एक ज्योतिषीय संकेत मिल रहा है| ऐसा मैंने देश की दशा और ग्रहण के संचरण के साथ साथ विश्लेषण कर के कहा था|

आइये क्या है वह संकेत,एक बार फिर से इसका ज्योतिषीय विश्लेषण देखें|

देश की दशा का सम्बन्ध जब छठे भाव से हो तो ऐसे में मंगल के संचरण को सूक्ष्मता से विश्लेषित किया जाना चाहिए|

1 – मंगल अभी मीन राशि में गोचर कर रहा है| इस राशि में गोचर करते हुए जिस प्रकार वह अन्य ग्रहों के साथ अपना तालमेल बैठा कर रखा है| जब तक मंगल मीन राशि में अन्य ग्रहों के साथ इस प्रकार के तालमेल में रहेगा, तबतक संक्रमण से मुक्ति नहीं मिलने वाली|

2 – 16 अगस्त को मंगल मेष राशि में प्रवेश करेगा, जहाँ तीन दिनों तक अन्य ग्रहों के साथ के संबंधों को विराम देने के बाद पुनः 19 अगस्त को यह अपना सम्बन्ध स्थापित कर लेगा| अर्थात यहाँ भी संकेत वही पहले की तरह ही है|

3 – 10 सितम्बर को मंगल अश्विनी नक्षत्र में वक्री होगा| मंगल के यह वक्रत्व, संक्रमण  से मुक्ति का तो संकेत नहीं देता लेकिन आने वाले समय में वक़्त के परिवर्तित होने का बीजारोपण करता है|

4 – 9 अक्टूबर को मंगल अनुगामी होकर पुनः मीन राशि में प्रवेश करेगा| जहाँ वह 23 दिसम्बर तक रहेगा| यह जो समयावधि है, इसमें सबसे ज्यादा सतर्क और सचेत रहने की आवश्यकता है|

5 – 24 दिसंबर को मंगल मेष राशि में प्रवेश करेगा, 2  जनवरी से धीरे धीरे अन्य ग्रहों के साथ तालमेल सुधरना प्रारम्भ हो जाएगा जो सम्बन्ध 10 फरवरी तक सामान्य हो जायेगा| फरवरी‘2021  का महीना महामारी के अंत का संकेत देता है|

यह है ग्रहों का रुझान| चिकित्सा वैज्ञानिक अगर इन संकेतों को अपने डाटा के साथ मिला कर अध्ययन करें तो समय रहते बचावकारी समाधान निकला जा सकता है|

6 –भूगर्भ शास्त्रियों के अनुसार हिन्द महासागर में हो रहे टेक्टोनिक शिफ्ट की वजह से आने वाले समय में बड़े भूकंप की संभावना है| साल 2020 और साल 2021 में प्राकृतिक उत्पातों की चर्चा मैंने पहले की है| यहाँ एक समयावधि और जोड़ना चाहूंगी|  ग्रहों के संकेत के अनुसार- 30 जनवरी से 15 फरवरी का समय प्रकृति के असंतुलित होने का प्रबल योग तैयार कर रहे हैं, भूकंप, तेज बारिश और भूस्खलन( flood and landslide) की स्थिति बना रहे  हैं| जगह कहाँ?? क्या भारत का वह भाग जो चीन से लगता है, North America, South America, Africa, Brazil ? या कहीं और ? जरूरत है मौसम वैज्ञानिक ग्रहों के इस संकेत पर भी ध्यान देते हुए अध्ययन करें |